Amritvani - Sant Kabir, Mira

  • Author: Vários
  • Narrator: Vários
  • Publisher: Podcast
  • Duration: 82:38:53
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Informações:

Synopsis

This Podcasts covers inexplicable messages of great saints - Sant Kabir, Mira by Swami Adgadanand.

Episodes

  • Sadguru ki hat

    28/01/2017 Duration: 33min

    ‘‘सद्गुरु की हाट’’ – सद्गुरु की हाट सांसारिक भीड़-भाड़ से अलग एकांत जंगल में हुआ करती है, जहाँ जन्म-जन्म के साधनारत पथिक आत्मिक सम्पति का सौदा करते हैं | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Koi apane me dekha

    28/01/2017 Duration: 36min

    ‘‘कोई अपने में देखा’’ – त्रिगुणातीत संत के चरण कमलों को हृदय में देखने से भजन जागृत हो जाता है | भगवान उतना ही बतातें जाते है जितना साधक की क्षमता है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Guru mantra

    28/01/2017 Duration: 56min

    ‘‘गुरु मंत्र’’ – मंत्र न लिखने में आता है न कहने में, बल्कि अनुभवी सद्गुरु द्वारा विरही साधक के ह्रदय में जागृत हो जाता है | #Kabir #Mira #Sadhguru #Mantra

  • Ek hi dharma ek hi vrat nema

    28/01/2017 Duration: 45min

    ‘‘एक ही धर्म’’ – सृष्टि में एक ही धर्म है - मन क्रम वचन से पत रखने वाले एक परमात्मा के, उन परम प्रभु के चरणों में अनुरक्ति | #Kabir #Mira #Sadhguru #Dharma #Religion

  • Dharma ki pahali sidi

    28/01/2017 Duration: 48min

    ‘‘धर्म की पहली सीढ़ी’’ – धर्म का आरंभ संतो के संग से है तभी सत्संग होता है, धर्म का प्रवेश द्वार यही है | #Kabir #Mira #Sadhguru #Dharma

  • Pyas bujhaye bin pani

    28/01/2017 Duration: 51min

    ‘‘प्यास बुझाबै बिन पानी’’ – शरीर की प्यास तो जल से बुझ जाती है किन्तु आत्मा की प्यास जब तक विषय रूपी वारि है नहीं मिटेगी या ब्रह्म पियूष अप्राप्त है तब भी नहीं मिटेगी | कोई सद्गुरु ही इस प्यास को मिटा सकने में सक्षम है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Mandir diyana bar

    28/01/2017 Duration: 01h23min

    ‘‘मंदिर दियना बार’’ – भगवान के लिये विरह वैराग्य और तड़प पैदा हो गयी तो विरहिन को, नाम दीप आलोकित करना चाहिए क्रमश: यह भक्ति मणि के रूप में ढलता जायगा | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Darbar me sacche sadguru ke

    28/01/2017 Duration: 51min

    ‘‘दरबार मे सच्चे सद्गुरु के’’ – सद्गुरु के चरणों का आश्रय लेने वाला सभी चिंताओं से मुक्त हो जाता है, उसकी जिम्मेदारी प्रभु ले लेते हैं | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Kabira kabse bhaya bairagi

    28/01/2017 Duration: 01h03min

    ‘‘कबिरा कबसे भया बैरागी’’ – सांसारिक से लेकर स्वर्ग तक के प्रलोभनों तथा उन वस्तुओं में आसक्ति का भान न हो तभी सच्चा वैराग्य है | संस्कारों के उन्मूलन तथा प्रभु की प्राप्ति ही योग की पूर्णता है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Dashahara + Navaratri

    28/01/2017 Duration: 39min

    ‘‘दशहरा + नवरात्री’’ – दसों इन्द्रियों से वासनाओं का उन्मूलन दशहरा है | इससे जगत रूपी रात्रि का अवसान और राम राज्य का प्रचंड सूर्योदय हो जाता है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Guru aisa mara baan

    28/01/2017 Duration: 50min

    ‘‘गुरु ऐसा मारा बाण’’ – सद्गुरु के उपदेश हृदय में चुभ जाते हैं जिनसे जनम मृत्यु के कारणों का अंत कराने वाला साधक जागृत हो जाता है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Khayale rind mastana

    28/01/2017 Duration: 44min

    ‘‘खयाले रिंद मस्ताना’’ – सद्गुरु का चिंतन साधक को सदैव मस्ती में डुबाये रखता है | इसके पश्चात भगवान ही साधक को उठाते बैठाते चलाते है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Balihari aise sadguru ki

    28/01/2017 Duration: 20min

    ‘‘बलिहारी ऐसे सद्गुरु की’’ – कर्मों से मुक्ति दिलाने वाले सद्गुरु के प्रति आभार प्रदर्शक भजन है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Umar sab dhokhe mein

    28/01/2017 Duration: 01h02min

    ‘‘उमर सब धोखे में’’ – जिस कमी की पूर्ति के लिये मानव शरीर मिला उस भजन को न कर जीवन पर्यंत हमने जिनका संग्रह किया धोखा ही निकला | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Sai tera bhed na jane koi

    28/01/2017 Duration: 39min

    ‘‘साई तेरा भेद ना जाने कोई’’ – बाह्य शरीर की धुलाई से अंतर के मैल नही जाते जिनके रहते परमात्मा का दर्शन नहीं हो पाता | भजन में एक दिन की भी कमी एक जनम का कारण होती है इसलिये भजन में लापरवाही नहीं करनी चाहिये | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Avadgu jivat hi kare aasa

    28/01/2017 Duration: 25min

    ‘‘अवधू जीवत ही कर आसा’’ – जीते जी ही भजन संभव है मरने के पश्चात भजन नहीं होता | जिसने भी पाया जीते जी पाया है | #Kabir #Mira #Sadhguru

  • Sunata hai guru gyani

    28/01/2017 Duration: 01h25min

    ‘‘सुनता है गुरु ग्यानी’’ – चित आकाशवत होने पर ईश्वरीय शब्द सुनायी पड़ता है जिससे माया का आवरण हल्का होता जाता है | #Kabir #Mira #Sadhguru

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